ब्याज-मुक्त फसल ऋण की सीमा बढ़ी; किसानों को अब 5 लाख तक मिलेगा कर्ज

ब्याज-मुक्त फसल ऋण की सीमा बढ़ी; किसानों को अब 5 लाख तक मिलेगा कर्ज

खरीफ और रबी सीजन के लिए किसानों को विभिन्न बैंकों द्वारा ब्याज-मुक्त फसल ऋण दिया जाता है। इस वर्ष इस ऋण की सीमा में वृद्धि की गई है, जिससे अब किसानों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक का फसल ऋण मिल सकेगा।

महाराष्ट्र के अकोला जिले के किसानों को राहत

महाराष्ट्र के अकोला जिले में हर साल लगभग 1.60 लाख किसान खरीफ सीजन के दौरान फसल ऋण लेते हैं। यह ऋण 1 वर्ष के लिए ब्याज-मुक्त दिया जाता है। इस वर्ष 1 अप्रैल 2025 से इस नई ऋण सीमा को लागू किया जाएगा।

फसल ऋण की पुरानी और नई सीमा

  • पहले किसानों को अधिकतम 3 लाख रुपये तक का फसल ऋण मिलता था।
  • अब इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।

मुख्य फसलों के ऋण में कोई बढ़ोतरी नहीं

हालांकि कुल फसल ऋण की सीमा बढ़ाई गई है, लेकिन सोयाबीन, कपास और तूर जैसी मुख्य फसलों के लिए मिलने वाली ऋण राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है

  • सोयाबीन के लिए – 60,900 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • कपास के लिए – 73,500 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • तूर के लिए – 50,820 रुपये प्रति हेक्टेयर

मूंग और उड़द के फसल ऋण में बढ़ोतरी

मूंग और उड़द फसल के लिए दी जाने वाली ऋण राशि में थोड़ी वृद्धि की गई है।

  • पहले मूंग और उड़द के लिए 22,800 रुपये प्रति हेक्टेयर ऋण मिलता था।
  • अब इसे बढ़ाकर 23,940 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है।

2 लाख से अधिक ऋण लेने पर सर्च रिपोर्ट अनिवार्य

  • पहले 1.60 लाख रुपये तक के ऋण के लिए सर्च रिपोर्ट आवश्यक होती थी
  • अब 2 लाख रुपये या उससे अधिक का ऋण लेने पर सर्च रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
  • यह रिपोर्ट बैंक द्वारा नियुक्त वकीलों से बनवानी होगी, जिसकी 3,000 से 5,000 रुपये तक की लागत आ सकती है।

पिछले वर्ष 87% लक्ष्य प्राप्त हुआ

  • 2024 में अकोला जिले के लिए खरीफ सीजन में 1,300 करोड़ रुपये के फसल ऋण का लक्ष्य तय किया गया था।
  • इसमें से 1,152 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया, जो कुल लक्ष्य का 87% है।

बैंकों को अब तक आदेश नहीं मिले

हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने फसल ऋण सीमा में वृद्धि की घोषणा कर दी है, लेकिन बैंकों को अब तक कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है
1 अप्रैल 2025 से 2025-26 सीजन के लिए फसल ऋण वितरण शुरू होगा, इसलिए इससे पहले आदेश जारी किए जाने की संभावना है।

बड़े किसानों को अधिक लाभ

  • इस फैसले से बड़े किसानों को अधिक फायदा मिलेगा
  • 5 एकड़ तक की खेती करने वाले छोटे किसानों को इस फैसले का कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि उनकी मुख्य फसलों के लिए मिलने वाले ऋण में कोई वृद्धि नहीं की गई है
  • ऐसे किसानों को पहले की तरह ही प्रति एकड़ उतना ही ऋण मिलेगा, जितना पहले मिलता था

किसानों के लिए अवसर और चुनौतियां

फसल ऋण की सीमा बढ़ने से बड़े किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी, लेकिन छोटे किसानों को अभी भी कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिला है। सरकार को छोटे किसानों के लिए भी विशेष योजनाएं लागू करने की आवश्यकता है

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